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Wednesday, March 24, 2010

जर्मनी के निवासियों को जर्म्स कहते हैं !!

मास्टर : टर्की के निवासियों को क्या कहते हैं ?
राजू : मास्साब, पता नहीं.
मास्टर : टर्क्स.
अब बताओ जर्मनी के निवासियों को क्या कहते हैं ?
राजू : जर्म्स.

Comments :

4 comments to “जर्मनी के निवासियों को जर्म्स कहते हैं !!”

wah!

Anonymous said...
on 

dhanyavad ji

:)

GOMAL 100dintak said...
on 

हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

अजय कुमार said...
on 

इस नए चिट्ठे के साथ हिंदी ब्‍लॉग जगत में आपका स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

संगीता पुरी said...
on 

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''जरदारी ने करवाई मेरे पिता की हत्या'' नई दिल्ली. बेनजीर भुट्टो की भतीजी फातिमा ने आरोप लगाया है कि उसके पिता मुर्तजा भुट्टो की हत्या के पीछे राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी का हाथ था। उसने बेनजीर पर हत्या की जांच में लीपापोती का आरोप भी लगाया है। यह दो टूक बात फातिमा ने करण थापर के ‘डेविल्स एडवोकेट’ कार्यक्रम में कही। करण ने फातिमा से पूछा था कि क्या 20 सितंबर 1996 को हुई मुर्तजा भुट्टो की हत्या में जरदारी का हाथ था? सत्ताइस वर्षीय फातिमा ने साफ कहा-‘हां।’ हालांकि जरदारी के खिलाफ कोई आरोप साबित नहीं हो पाया है। फातिमा का मानना है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री बेनजीर के अराजक कार्यकाल में उनके पिता सहित हजारों लोग मारे गए। सरकार उनकी थी। अत: नैतिक जिम्मेदारी तो उनकी भी बनती है। इन सारे प्रसंगों पर आधारित पुस्तक ‘सांग्स ऑफ ब्लड एंड स्वोर्ड’ की लेखिका फातिमा ने कहा कि पिता की हत्या के सारे गवाहों को बेनजीर की सरकार गिरने के बाद ही गिरफ्तार किया जा सका। मौके पर मौजूद पाकिस्तान के इंटेलीजेंस ब्यूरो के प्रमुख मसूब शरीफ को बाद में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की केंद्रीय कमेटी में ले लिया गया। फातिमा ने कहा कि पिता की हत्या के समय देश के राष्ट्रपति फारुख लेघारी ने कई बार सार्वजनिक तौर पर कहा कि मुर्तजा भुट्टो की हत्या में जरदारी का हाथ था। अपनी किताब में फातिमा ने बेनजीर और मुर्तजा के बीच के रिश्तों में खटास के कई उदाहरण दिए हैं। इनमें 1993 में बेनजीर द्वारा मुर्तजा को लरकाना से पार्टी टिकट नहीं देना भी शामिल है।