मित्र

Friday, April 9, 2010

रंगीन-मिजाज़ साऊथ इंडियन !!

सवाल : ऐसे साऊथ इंडियन को आप क्या कहकर बुलाएँगे , जो बहुत रंगीन-मिजाज़ का हो ?

जवाब : रंगराजन.

संता सिंह को किस प्रकार से डराया जाए ?

सवाल : संता सिंह को किस प्रकार से डराया जाए ?

जवाब : संता सिंह को बस एक आलपिन से ही डराया जा सकता है. आप उसकी तरफ़ फेंक दीजिये, वह भाग खडा होगा.........


क्योंकि वह यही समझेगा कि हैण्ड ग्रेनेड की पिन फेंक चुका है और अब बम आने ही वाला है.

 
''जरदारी ने करवाई मेरे पिता की हत्या'' नई दिल्ली. बेनजीर भुट्टो की भतीजी फातिमा ने आरोप लगाया है कि उसके पिता मुर्तजा भुट्टो की हत्या के पीछे राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी का हाथ था। उसने बेनजीर पर हत्या की जांच में लीपापोती का आरोप भी लगाया है। यह दो टूक बात फातिमा ने करण थापर के ‘डेविल्स एडवोकेट’ कार्यक्रम में कही। करण ने फातिमा से पूछा था कि क्या 20 सितंबर 1996 को हुई मुर्तजा भुट्टो की हत्या में जरदारी का हाथ था? सत्ताइस वर्षीय फातिमा ने साफ कहा-‘हां।’ हालांकि जरदारी के खिलाफ कोई आरोप साबित नहीं हो पाया है। फातिमा का मानना है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री बेनजीर के अराजक कार्यकाल में उनके पिता सहित हजारों लोग मारे गए। सरकार उनकी थी। अत: नैतिक जिम्मेदारी तो उनकी भी बनती है। इन सारे प्रसंगों पर आधारित पुस्तक ‘सांग्स ऑफ ब्लड एंड स्वोर्ड’ की लेखिका फातिमा ने कहा कि पिता की हत्या के सारे गवाहों को बेनजीर की सरकार गिरने के बाद ही गिरफ्तार किया जा सका। मौके पर मौजूद पाकिस्तान के इंटेलीजेंस ब्यूरो के प्रमुख मसूब शरीफ को बाद में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की केंद्रीय कमेटी में ले लिया गया। फातिमा ने कहा कि पिता की हत्या के समय देश के राष्ट्रपति फारुख लेघारी ने कई बार सार्वजनिक तौर पर कहा कि मुर्तजा भुट्टो की हत्या में जरदारी का हाथ था। अपनी किताब में फातिमा ने बेनजीर और मुर्तजा के बीच के रिश्तों में खटास के कई उदाहरण दिए हैं। इनमें 1993 में बेनजीर द्वारा मुर्तजा को लरकाना से पार्टी टिकट नहीं देना भी शामिल है।